झूट के पैर होते है (Jhoot Ke Pair Hote Hai) - ड्रामा कहानी, Comedy Hindi Short Story. किशोर जी का घर किसी मंदिर से कम नही था। खुशियां हो या दुख की घड़ियां वे भगवान की अरधाना में लगे रहने में पीछे नहीं हटते। लेकिन आज सुबह 4 बजे से किशोर जी भगवान की शरण में साथ ही निर्मला देवी उनकी पत्नी और रीमा उनकी बहू…अब आप बोलेंगे बहु का नाम लिया लेकिन बेटे का नही तो हम जानकारी के लिए बता दे की बेटा अब न हाथ जोड़कर प्रार्थना करने के स्विचवेशन में था और न माथा टेक्कर उनके आशीर्वाद लेने में। क्योंकि उनका बेटा सर से लेकर पैर तक बंधे पट्टी और होठ सूंजा कर यू बैठा था की उसको किसी बात का घमंड हो। वैसे वो विल चेयर में बैठा आंखे बड़ी कर एक अलग ही चिंतित और अपने बाप से घबराया हुआ था। पूजा खत्म होने के बाद किशोर जी ने अपने बेटे के ऊपर पहले तो गंगा जल छिड़क कर उसे बाहरी नकरात्मक ऊर्जा से शुद्ध किया और फिर उसे एक मन ही मन कोई फाड़ू सा कॉम्प्लिकेतट मंत्र पढकर पवित्र धागे देकर उसे बुरी शक्तियों से मुक्त किया। फिर सारे लोग उसके इर्द गिर्द बैठ कर अब उसकी ओर नजरे गड़ाए और अपनी अपनी कान सीधी कर उसके ऐसे होने का कारण
सौरभ अपने घर वालो के साथ बाते कर रहा था सभी उसे आज उसके 19 वे जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहें थे। बहुत खुश था और थोडा परेशान भी की वो अपना 19 वा जन्मदिन इस साल अपने परिवार के साथ नही माना पाएगा। लेकिन उसके दोस्त है है न वे मनाएंगे सौरभ का जन्मदिन यह वो अंदर अन्दर ही अन्दर सोच रहा था। तभी सौरभ का क्लासमेट जो उसके साथ कॉलेज में फर्स्ट ईयर में था राज का कॉल आया और उसने उसे एक ठपरी पे बुलाया और कहा साथ में अतुल जय और भद्रा भी आने वाले हैं तो शार्प शाम 5 बजे मन्नू के ठपरी पे पहुंच जाना। यह सुनकर सौरभ को अंदाजा हो चुका था की आज उसका 19वा जन्मदिन अपने कॉलेज के दोस्तो के साथ सेलिब्रेट करना है तभी तो शाम को सबको इक्ट्ठा किया जा रहा है। फिर वो नहा धोकर नए कपड़े पहन परफ्यूम वगेरह मारकर अपने पीजी से निकल सीधे एटीएम से करीबन 4 हजार निकाले ताकी जब उसके दोस्त केक कटवाकर सरप्राइस उसे सरप्राइस देंगे तब वे अपने दोस्तो को एक छोटी सी पार्टी दे सके। मन्नू के तफरी के पास एक बरगद का पेड़ था उसके नीचे बैठा राज अतुल और जय अब तक 8 बड़ी एडवांस और 3 कप चाय और बाद में टेस्ट चेंज के लिए कॉफी भी पी डाली लेकिन अब तक