Hindi Poem (हिंदी कविता): "डरता भी हू और शर्माता भी" Hindi Emotional meaning full Poem with English Translation.
Hindi Poem
Emotional meaning full Poem for human.
डरता भी हू
और शर्माता भी
इस कठिन भरे ज़माने से घबरा जाता भी हूं,
मेरे आसपास
देखता हूं जब भीड़ लोगो की
किसी तरह भीड़ से दूर भाग जाता भी हूं,
कोई पूछे अगर मेरा नाम और पता
नज़रे झुकाकर अपनी
मै चुप सा रह जाता भी हूं,
अंधेरा जब छा सा जाता है
धीरे धीरे रात काली जब हो जाती है
उस अंधेरे से आज भी मै घबरा जाता भी हूं,
हे मां काश तू अब भी मेरे साथ होती
क्योंकि बिन मां के ये जग सुना सुना सा लगता है
तुझे याद कर ही तो मै थोड़ा बहुत जीं पाता भी हूं,
हे मां मै क्या बताऊं
शब्दों में मै आज भी अगर बयां करू
तो इतना कहूंगा तेरे बिन इस ज़माने में
जीने से आज भी घबरा जाता भी हूं
आज भी घबरा जाता भी हूं।।
English Translation:
I am afraid too
And shy too
I get nervous due to this difficult time,
Near me
When I see the crowd
Somehow I run away from the crowd,
If anyone asks my name and address
Bending over
I also keep quiet,
When darkness falls
Slowly when the night turns black
Even today I am afraid of that darkness,
Hey mother i wish you were still with me
Because without the mother, this sound is heard
By remembering you, I can also live a little bit,
Hey mother what can i tell
In words if i say even today
So much will say without you this time
I still get scared by living
Even today I get nervous.
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